आज हम जानेंगे की domain name system computer networks मे किस तरह कार्य करता इसका use है और किस तरह हम domain name की पहचान कर सकते है।
पर सभी computers को server द्वारा एक विशेष अंको के पते से जोड़ा जाता है network मे प्रत्येक website को एक unique name दिया जाता है जो website का address होता है किसी 2 websites का domain name एक समान नहीं हो सकता है। DNS server डोमेन नेम को IP address मे बदलकर उस website की पहचान करता है।
domain name मे उस वेबसाइट का नाम एवं extancation name शामिल होता है प्रत्येक website का अपना अलग अलग नाम होता है जबकि extancation name कुछ पूर्व मे निर्धारित विकल्पों मे से एक होता है name तथा extancation name को डॉट (.) द्वारा अलग किया जाता है।
www domain का अंग होता है यदि browser के address bar पर इसे Type भी ना किया तो browser इसे स्वयं ही जोड़ लेता है।
domain name के कुछ उदाहरण-
hotmail.com
yahoo.co.in इत्यादि
●Domain की नामांकन प्रणाली domain name system एक इंटरनेट सेवा है जो डोमेन नेम को IP address में translate करती है। DNS में एक वितरित डेटाबेस होता है जो इंटरनेट पर कई मशीनों पर रहता है। DNS में कुछ प्रोटोकॉल होते हैं जो claint और server को एक दूसरे के साथ संचार करने की अनुमति देते हैं।
●जब इंटरनेट छोटा था, तो host.txt फाइल का उपयोग करके मैपिंग की जाती थी। होस्ट फ़ाइल होस्ट की डिस्क पर स्थित थी और मास्टर होस्ट फ़ाइल से समय-समय पर अपडेट की जाती थी। जब कोई प्रोग्राम या कोई उपयोगकर्ता डोमेन नाम को किसी पते पर मैप करना चाहता था, तो होस्ट ने होस्ट फ़ाइल से परामर्श किया और मैपिंग पाया।
●अब इंटरनेट छोटा नहीं है, प्रत्येक पते को एक नाम से जोड़ने के लिए केवल एक होस्ट फ़ाइल होना असंभव है और इसके विपरीत। आज उपयोग किया जाने वाला समाधान होस्ट फ़ाइल को छोटे भागों में विभाजित करना और प्रत्येक भाग को एक अलग कंप्यूटर पर संग्रहीत करना है।
●इस पद्धति में, जिस होस्ट को मैपिंग की आवश्यकता होती है, वह आवश्यक जानकारी रखने वाले निकटतम कंप्यूटर को कॉल कर सकता है। इस पद्धति का उपयोग डोमेन नाम सिस्टम (डीएनएस) में किया जाता है। नाम स्थान मशीनों को सौंपे गए नामों को नाम और आईपी पते के बीच बंधन पर पूर्ण नियंत्रण के साथ नाम स्थान से सावधानीपूर्वक चुना जाना चाहिए। नाम स्थान दो प्रकार के होते हैं:
1.समतल नाम स्थान
2. पदानुक्रमित नाम।
फ्लैट नाम रिक्त स्थान एक फ्लैट नाम स्थान में, एक नाम संरचना के बिना वर्णों का एक क्रम है। इस स्थान में एक नाम एक पते को सौंपा गया है। नाम सुविधाजनक और संक्षिप्त थे। एक फ्लैट नाम स्थान का उपयोग इंटरनेट जैसे बड़े सिस्टम में नहीं किया जा सकता है क्योंकि अस्पष्टता और दोहराव से बचने के लिए इसे केंद्रीय रूप से नियंत्रित किया जाना चाहिए।
Domain name Extention for domain name system
• Domain name मे अंक एवं अक्षर दोनों हो सकते है।
• इसमे अधिकतर 64 कैरेक्टर्स हो सकते हैं
• इसमे एक मात्र विशेष करैक्टर hyphen (-) का use किया जाता है।
• domain name का अंतिम भाग जिसे dot (.) ke बाद लिखा जाता है किसी Organization, country , को इंगित करते हैं। इसे डोमेन indicater या top level domain ( TLD )भी कहते हैं।
• किसी संघटन को इंगित करने वाला domain name generic domain कहलाता है। जबकि किसी देश को इंगित करने वाला domain country domain कहलाता है।
कुछ प्रमुख Top level domain (TLD)
edu | educational ( शैक्षणिक) |
com | commercial ( व्यावसायिक) |
org | Organization ( संस्थान) |
gov | government (सरकारी) |
mil | military ( सैन्य संगठन) |
net | networking (नेटवर्क) |
in | india ( भारत) |
uk | united kingdom |
us | united stetes america |
co | company ( कंपनी) |
info | information ( सूचना प्रदाता) |
int | international ( इंटरनेशनल) |
Conclusion
प्यारे दोस्तों आज आपने जाना domain name क्या है domain name system computer network मे कैसे use किया जाता है आपको इस article से domain name से संबंधित सभी प्रकार के डाउट क्लियर हो गए होंगे आशा है किस आर्टिकल को पढ़कर आपको को सीखने को मिला होगा तो धन्यवाद दोस्तों और हाँ इस शेयर करना ना भूले।
Q सामन्यतः web address स्थित होता है
Ans – URL में
Q internet मे DNS का पूरा रूप है
Ans – Domain name system
Q प्रॉफिट बिजनेस (लाभ वाले व्यावसाय) के लिए किस प्रकार के domain name का प्रयोग किया जाता है।
Ans – . Com
Q किसी शिक्षा संस्थान की website मे किस प्रकार के domain का प्रयोग किया जाता है।
Ans – .edu
Q किसी वेब साइट में .com क्या सूचित करता है
Ans कमर्शियल वेबसाइट
Q computer networks मे domain name system क्या होता है।
Ans – वेबसाइट तक पहुंचने का address
Q सामान्यतः web address स्थित होता है।
Ans – URL में