विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और इसके कार्य (university grants commission)

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भारत का विश्वविद्यालय अनुदान आयोग केंद्रीय सरकार द्वारा स्थापित उपक्रम है 1956 में संसद द्वारा पारित विशेष विधेयक के उपरांत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का गठन किया गया इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना ऐतिहासिक क्रम की देन है

  • भारत में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु ब्रिटिश शासन में लॉर्ड मेकाले द्वारा अनुशंसा की गई थी
  • वर्ष 1925 में इंटर यूनिवर्सिटी बोर्ड की स्थापना की गई
  • कालांतर में इंटर यूनिवर्सिटी बोर्ड का नाम बदलकर भारतीय विश्वविद्यालय संघ कर दिया गया इस संस्था का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों के मध्य सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था
  • 1947 में स्वतंत्रता मिलने के पश्चात वर्ष 1948 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की अध्यक्षता में university एजुकेशन कमिशन की नींव रखी गई

शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने 28 दिसंबर 1953 को औपचारिक रूप में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की न्यू रखी थी किंतु सन 1956 में यूजीसी को संसद में पारित कर विधेयक के बाद अस्तित्व में लाया गया विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के साथ क्षेत्रीय कार्यालय बेंगलुरु भोपाल गुवाहाटी हैदराबाद कोलकाता पुणे और दिल्ली में स्थित है

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के कार्य

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा कई कार्यों का निष्पादन किया जाता है

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विश्वविद्यालय शिक्षकों प्रोन्नत किया जाता है साथ ही समन्वय भी करने का प्रयास किया जाता है

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विश्वविद्यालय व महाविद्यालय शैक्षणिक क्षेत्रों का पर्यवेक्षण किया जाता है

विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के शुभम शैक्षणिक कार्य संचालन व आधारभूत संरचना के निर्माण हेतु अनुदान का वितरण यूजीसी के द्वारा किया जाने वाला महत्वपूर्ण कार्य है

संघ व राज्यों में स्थित उच्च शिक्षण संस्थानों व संघ राज्य सरकारों के मध्य महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में सुझाव प्रदान करता है

इन्हे भी देखें

राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा परिषद : का स्वरूप, कार्य, स्थापना से होने वाले लाभ (National vocational education council )

भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी | bhartiya raksha prodyogiki in Hindi

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