प्रधानमंत्री जन धन योजना: गरीबों का सारथी के रूप में शुरू हुई प्रधानमंत्री जन धन जिसमे भारत के लोगो के बैंको में 0 बैलेंस के साथ खाते खुलवाए गए जिसके तहत भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सब्सिटी और विभिन लाभ जो देश के लाखो गरीबो को दिए जाते है इस योजना के बाद से अब सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर दिए जाते है इस योजना से देश के उन गरीब परिवारों को लाभ हुआ है जिनको कहीं न कहीं भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिटी और योजनाओ को सरकार और विचौलियों के मध्य ही रह जाती थी और देश के गरीबो को उसका फायदा नहीं मिल पाता था तो आइये जानते PMJDY ( प्रधानमंत्री जन धन योजना की पृष्टभूमि )
PMJDY – प्रधानमंत्री जन धन योजना की पृष्टभूमि और सम्पूर्ण जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए “वित्तीय समावेशन‘ को एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में कार्यान्वित करने के उद्देश्य से “प्रधानमंत्री जन धन योजना आरंभ करने की घोषणा की थी।
वित्तीय समावेशन
वित्तीय समावेशन का सामान्य अर्थ है – ऐसे उपाय जिनके माध्यम से व्यक्तियों तथा व्यवसायों की वित्तीय सेवाओं व उत्पादों तक वहनीय तथा धारणीय पहुँच सुनिश्चित की जाती है।’
प्रधानमंत्री जनधन योजना का कार्यान्वयन देश के सभी परिवारों के व्यापक वित्तीय समावेशन के दृष्टिकोण से किया जा रहा है जिममें प्रत्येक परिवार के लिये कम-से-कम एक मूल बैंकिंग खाता, वित्तीय साक्षरता, ऋण की उपलब्धता, विप्रेषण सुविधा, बीमा तथा पेंशन मुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। इसके अलावा, लाभार्भियों को रूपे डेबिट कार्ड दिया जाता हे जिसमें ₹ 1 लाख का दुर्घटना बीमा कवर शामिल है। सरकार की योजना कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों को दिये जाने वाली धनशशि को सीधे लाभार्थियों के जनधन खाते में हस्तांतरित करने की है। सरकार का मानना है कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण द्वारा इन कल्याणकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। मोबाइल बैंकिंग तथा नगद आहरण केंद्रों का उपयोग इस योजना के अंतर्गत वित्तीय समावेशन के उद्देश्य से किया जा रहा हे।
योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से 6 मुख्य स्तंभ निर्धारित किए गए थे। प्रथम तीन स्तंभ योजना के पहले चरण (15 अगस्त, 2014 – 14 अगस्त, 2015) में क्रियान्वयन के उद्देश्य से निर्धारित किये गए थे जिसके तहत लाभार्थियों को बैंकिंग सुविधाओं तक पहुँच सुनिश्चित कराई गई, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम संचालित किये गए व 6 महीने बाद ₹5000 की ओवर ड्राफ्ट सुविधा के साथ बुनियादी बैंक खाते और ₹1लाख के अंतनिर्हित दुर्घटना बीमा कवर के साथ रूपे डंबिड कार्ड और रूपे कार्ड की सुविधा प्रदान की गई है। दूसरे चरण (15 अगस्त, 201515 अगस्त, 2018) में भी तीन लक्ष्य रखे गए थे। इनमें पहला है ओवर ड्राफ्ट खातों में चूक कवर करने के लिये क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना करना, दूसरा है सूक्ष्म बीमा की सुविधा एवं तीसरा है असंगठित क्षेत्र के लिये स्वावलंबन जैसी पेंडान योजनाएँ शुरू करदा। इसके अतिरिक्त इस चरण में पर्वतीय, जनजातीय ओर दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले परियारों को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही परिवार के शेष वयस्क सदस्यों जिनका खाता नहीं है व विद्यार्थियों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है
जनधन योजना के पूर्व को योजनाओं में सामान्यतः गांवों अथवा शहरों को लक्ष्य बनाया जाता था, इसके विपरीत इस योजना में प्रत्येक परिवार को लक्षित किया गया है तथा इसे ग्रामों व शहर दोनों पर ध्यान केंद्रित कर लागू किया जा रहा है। लागू होने के कुछ महीनों के भीतर ही जनधन योजना ने विद्यीय समावेशन की दिशा में कई कोर्तिमान स्थापित किये तथा विश्व का सबसे बड़ा ‘वित्तीय समावेशन अभियान’ बनकर सामने आई। 29 औसत, 2018 तक के ऑकड़ों के अनुपना इस योजना के अंतर्गत कुल 32 करोड़ 54 लाख खते खोले जा चुके हैं। इनमें से 19 करोड़ 21 लाख लाभाधी ग्रामीण/ अर्द्ध- नगरीय क्षेत्रो से है। 13 करोड 33 लाख मेट्रो शहरों से है। इसमे 13 करोड़ 18 लाख लाभार्थी महिलाएं हैं। जनधन योजना के ओर खोले गए खातों में 82039.5 करोड़ जमा किये गए हैं तथा 24 करोड़ 51 लाख लाभियों को रुपये डेविड कार्ड वितरित कर दिये गए है।
इन सांख्यिकीय सफलताओं के अतिरिक्त प्रधानमंत्री जनधन योजना की है सफलता यह रही है कि इस माध्यम से लोंगों को संगठित वित्तीय तंत्र से जुड़ने की आवश्यकता व लाभों आभास हुआ है तथा बेहद कम समय में ही बैकिंग व्यवस्था से जुड़ना भारतीय जनमानस का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। इस योजना के अंतर्गत खोले गए खातों में सरकारी सब्सिडी का प्रत्यक्ष हस्तांतरण किये जाने से प्रशासकीय भ्रष्टचार पर लगाम लगी है। इसके अतिरिक्त सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का आर्थिक लाभ जनधन खातों के माध्यम से हस्तांतरित कर वंचित वर्गों को वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कराई जा सकती है। इतना ही नहीं, इस योजना का एक कहुत बड़ा लाभ भारत के निर्धनों की सीमित पूंजी को वित्तीय तंत्र तक पहुंचाकर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा उसे अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा में शामिल कर देना रहा है।
निष्कर्ष -PMJDY
भारत में वित्तीय समावेशन के प्रयास पूर्व में भी बैंकों के राष्ट्रीयकरण जैसे महत्वपूर्ण कदमों के माध्यम से यह गए हैं पर इनकी पहुंच अखिल भारतीय ना होने के कारण सफलता कीमत ही रही जन धन योजना के प्रारंभिक वर्षों में ही इसने एक अखिल भारतीय पहुंच और वित्तीय समावेशन का आकार लगभग युद्ध रूप पर किया जाना सुनिश्चित किया है निर्धनता के उन्मूलन की दिशा में पहला प्रयास निर्धन वर्ग को औपचारिक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत किया जाना है जन धन योजना के माध्यम से यह महत्वपूर्ण काल उल्लेखनीय सफलता के साथ पूरा हुआ है इस प्रकार इस योजना में गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे लोगों को निर्धनता के दुष्चक्र से बाहर निकलने की दिशा में एक कुशल सारथी की भूमिका निभाई है
प्रधानमंत्री जन धन योजना कब शुरू हुई
15 अगस्त, 2014
प्रधानमंत्री जन धन योजना के उद्देश्य
भारत सरकार द्वारा देश की जनता को दिया जाने वाला पैसा सीधे जनता के अकाउंट में पहुंचाना इसका प्रमुख उदेश्य था