मध्य प्रदेश की प्रमुख योजनाएँ 2023 जो मध्य प्रदेश के विकास की धारा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। तथा यहाँ के लोगो के लिए उनके सर्वांगीण विकास करने में मदद करती है। और योजनाएँ बनाने मात्र से ही गवर्मेन्ट की जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती। उन योजनाओं के सही ढंग से संचालन करने की भी जिम्मेदारी होती है। कुछ महत्वपूर्ण योजनाएँ निम्न प्रकार है।
मध्य प्रदेश की कृषि से सम्बंधित प्रमुख योजनाएँ
अन्नपूर्णा सूरज धारा योजना
यह योजना सं 2000 में प्रारम्भ की गई थी। इस योजना का मूल उदेश्य sc/st वर्ग के कृषको के कल्याण हेतु पारम्परिक बीजों के स्थान पर उच्च गुणवत्ता वाले बीजो को उपलब्ध कराना।
वाल वलराम ताज योजना
यह योजना 2007 में प्रारम्भ की गई इस योजना का उदेश्य खेत का पानी खेत में रोककर सिचाई करना है।
मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना
यह योजना 2008 में प्रारम्भ की गई इसके अंतर्गत किसानो की आकस्मिक मृत्यु पर दाह संस्कार के लिए 2000 रूपए दिए जाते है।
मुख्यमंत्री हम्माल एवं तुलवती सहायता योजना
इस योजना की शुरुआत 2008 में हुई इसका उद्देश्य अकुशल श्रमिको को प्रसूति के समय 15 दिन के अवकाश के साथ वेतन , दो वच्चो के विवाह के लिए 10000 रूपए तथा प्रथम श्रेणी में पास हुए बच्चो को विशेष छात्रवृत्ति दी जाती है।
दीनदयाल रोजगार योजना
25 sep2004 को शुरू हुई इस योजना उदेश्य शिक्षित वेरोजगार युवक ,युवतियों को उधोग सेवा व्यवसाय के क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित करने हेतु लोन देना।
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना
26 अप्रेल 2008 को शुरू हुई इस योजना की शुरुआत वैंकेया नायडू ने भोपाल से की थी। इसका उद्देश्य BPL लोगों को रियायती दरों पर 20 किलो तक अनाज उपलब्ध कराना।
अयोध्या योजना
4 अक्टूबर 2004 को शुरू इसका मुख्य उदेश्य झुग्गी वस्तियों के लिए अच्छी सड़के ,नालियां ,बिजली , उपलब्ध कराना।
दीन दयाल समर्थ योजना
25 सितम्बर 2004 को इस योजना का शुभारंभ किया गया। इसका उद्देश्य मानसिक एवं शारीरिक रूप से निसक्त लोगो को समाज की धारा में जोड़ता है।
बन्दे मातरम योजना
14 जनवरी 2004 को शुरू हुई इस योजना में गरीब व पिछड़े वर्ग की महिलाओ को स्वास्थ सुविधाय उपलब्ध कराना।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
1 अप्रैल 2004 को इस योजना की शुरुआत तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने की थी इस योजना के अंतर्गत कन्या के जन्म से लेकर विवाह तक उनकी सभी जरूरतों का ध्यान रखा गया है। इस योजना में कन्या का पंजीकरण आँगन वाड़ी केंद्र में कराकर लगातार 5 वर्ष तक 6-6 हजार रूपए राष्ट्रीय बचत पत्र जो राज्य सरकार द्वारा ख़रीदे जायेगे। जो इस कन्या के नाम पर होंगे। इसके तहत कन्या को 8वी ,10वी ,और 12वी में कुछ अंस दिया जायेगा। तथा 18 वर्ष की उम्र पूरी होने पर 1 लाख रूपए प्रदान किये जायगे। वर्तमान यह उम्र 21 वर्ष कर दी गई है। तथा यह राशि 1 लाख 18 हजार कर दी गई है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
इस योजना की शुरुआत 2006 में हुई इस योजना के अंतर्गत विवाह करने वाले दम्पति को 25 हजार रूपए नगद रूप में राशि प्रदान की जाएगी।