मोहम्मद गौरी: जिसे मुईज़ुद्दीन मोहम्मद बिन साम भी कहा जाता है, एक गणतंत्र का बना मुस्लिम शासक था, जिसने 1206 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना की। उन्होंने दिल्ली सल्तनत के अधिकार के तहत भारत के विभिन्न हिस्सों पर आक्रमण किए और अपनी सत्ता का पैमाना बड़ा किया। उन्होंने बाद में भारत के उत्तरी हिस्सों पर बीहड़ी संगठन का संचालन किया जिसे उनके उपासकों ने गौरिया संगठन के नाम से जाना जाता है।
मोहम्मद गौरी ने भारत के इतिहास में अपनी विशाल विस्तारक क्षमता और दृढ़ता के लिए जाना जाता है। उनके समय में दिल्ली सल्तनत बड़ी ताकत थी और उन्होंने इसे बहुत बड़ी ताकत के रूप में बनाया। उन्होंने भारत की संस्कृति और समाज को अच्छी तरह समझा था और उन्होंने इसे अपनी शासन प्रणाली के साथ एक संगठित और समावेशी समाज के रूप में समझा था।
मोहम्मद गौरी का जन्म अफगानिस्तान में एक पश्तून परिवार में हुआ था। वह अपने पिता के साथ जुनागढ़, गुजरात में रहते थे। उनके पिता अल्तमश थे, जो एक सफ़ेद लुटेरे थे जो उत्तर भारत में घूमते रहते थे।
मोहम्मद गौरी ने इस्लामी शिक्षा प्राप्त की और उन्होंने अपनी शिक्षा के बाद दक्षिण भारत के तीन सल्तनतों में काम किया। उन्होंने बाद में दिल्ली के सल्तनत में शामिल होने का निर्णय लिया और 1206 ईस्वी में उन्होंने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।
उन्होंने दिल्ली सल्तनत के अधिकार के तहत भारत के विभिन्न हिस्सों पर आक्रमण किए और अपनी सत्ता का पैमाना बड़ा किया। उन्होंने कई चीजें शुरू की, जैसे कि मुस्लिम शासन के साथ अधिक जोखिम के साथ शुरू की गई दक्षिण भारतीय आक्रमण। उन्होंने दिल्ली सल्तनत को बहुत बड़ा बनाया और उन्होंने अपनी सत्ता को 28 साल तक बरकरार रखा।
मोहम्मद गौरी के आक्रमण
मोहम्मद गौरी ने 1206 ईस्वी में दिल्ली सल्तनत के शासक की तरह काबुल से भारत में आक्रमण किया था। उन्होंने भारत में इस्लाम के प्रचार एवं प्रसार के लिए कई प्रयास किए थे।
उनके प्रशासन में भारत के विभिन्न हिस्सों में कई शासनकालिन संस्थाओं को जारी रखा गया था, जो उस समय के अनुकूल थे। उनके शासनकाल में भारत की राजनीति और सामाजिक जीवन में विभिन्न परिवर्तन हुए थे।
मोहम्मद गौरी ने अपने प्रशासन के दौरान कई विजय प्राप्त कीं, जिनमें दिल्ली, मथुरा, कानौज, बनारस, मीरज, कलिंग आदि शामिल थे। इन विजयों से उन्होंने अपने सत्ताधारी क्षेत्र का विस्तार किया था।
उनके प्रशासन के दौरान धर्म एवं संस्कृति के क्षेत्र में भी कुछ परिवर्तन देखने को मिले। उन्होंने इस्लाम के प्रचार एवं प्रसार के लिए कई नई संस्थाओं की स्थापना की, जिनमें से सबसे अहम थी मदरसा की स्थापना।
मोहम्मद गौरी के भारत पर आक्रमण के कारण
मोहम्मद गौरी ने भारत पर आक्रमण के कई कारण थे। उनका मुख्य उद्देश्य भारत के समृद्ध संसाधनों एवं व्यापार का लाभ उठाना था।
इसके अलावा, उनके द्वारा भारत पर आक्रमण करने के कुछ अन्य कारण निम्नलिखित हैं:
इस्लाम के प्रसार: मोहम्मद गौरी एक मुस्लिम शासक थे जो इस्लाम के प्रचार एवं प्रसार के लिए भारत पर आक्रमण करना चाहते थे।
सत्ता का इच्छुकता: मोहम्मद गौरी ने दक्षिण एशिया के अन्य सम्राटों की तरह अपनी सत्ता बढ़ाने का इच्छुकता देखी थी।
समृद्धि एवं धन का लाभ: भारत के बाजार से मोहम्मद गौरी को समृद्धि एवं धन का लाभ प्राप्त करने की उम्मीद थी।
इतिहास की दृष्टि से दावा: मोहम्मद गौरी इतिहास में अपनी जगह बनाने के इच्छुक थे और इसलिए भारत पर अपने शासनकाल में विजय प्राप्त करना चाहते थे।
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