इसरो (ISRO – Indian Space Research Organisation) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है, जिसका मुख्यालय बैंगलोर में है। यह 1969 में स्थापित किया गया था जिसका उद्देश्य था अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास और विभिन्न राष्ट्रीय कार्यों के लिए इसके अनुप्रयोग का विकास करना।
इसरो ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों को हासिल किया है, जिसमें संचार, दूरसंवेदन, नेविगेशन और वैज्ञानिक मिशनों के लिए उपग्रहों का प्रक्षेपण शामिल है। हाल के वर्षों में, इसरो ने एक साथ 104 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण, रीयूसेबल लॉन्च वाहन (RLV) का सफल परीक्षण और अपनी पहली कोशिश में मंगल ग्रह के लिए एक अंतरिक्ष यान भेजने जैसी कई अद्भुत उपलब्धियों को हासिल किया है।
इसरो की उपलब्धियों ने न केवल भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मानचित्र पर लाने में मदद की है बल्कि खेती, आपदा प्रबंधन, संचार और मौसम पूर्वानुमान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।
ISRO के कार्य
इसरो का मुख्य कार्य भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और विज्ञान के विकास से संबंधित है। इसके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
सैटेलाइट उपग्रह
इसरो ने विभिन्न उद्देश्यों के लिए संचार, दूरसंवेदन, नेविगेशन और वैज्ञानिक मिशनों के लिए सैटेलाइट उपग्रहों का निर्माण और सफलतापूर्वक लॉन्च किए हैं।
चंद्रयान मिशन
इसरो ने भारत को चंद्रयान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है। इसरो ने चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशन को सफलतापूर्वक निर्वाह किया है जो चंद्रमा के अध्ययन और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति को बढ़ाने में मदद करते हैं।
मैपिंग और निदर्शन
ISRO द्वारा विकसित प्रमुख सैटेलाइट
इसरो द्वारा विकसित किए गए कुछ महत्वपूर्ण सैटेलाइट उपग्रहों में निम्नलिखित शामिल हैं:
अभिन्न
भारत का पहला कमरे में रखने वाला विज्ञान सैटेलाइट, जो 1983 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य भारतीय मूल के वैज्ञानिकों द्वारा इसके माध्यम से वैज्ञानिक अनुसंधान करना था।
इन्सात
भारत का पहला संचार सैटेलाइट जो 1983 में लॉन्च किया गया था। यह संचार और दूरसंचार के उद्देश्यों के लिए डिजाइन किया गया था।
ओसी-एम
भारत का पहला मौसम सैटेलाइट जो 1999 में लॉन्च किया गया था। यह मौसम विज्ञान के उद्देश्यों के लिए बनाया गया था।
चंद्रयान-1
भारत का पहला चंद्रयान मिशन जो 2008 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य चंद्रमा के अध्ययन करना था।
रिसात-1
भारत का पहला रडार सैटेलाइट जो 2012 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य वन संसाधनों के निदर्शन के लिए था।
गीगाबाइट सेंट्रिक गणना सेटेलाइट (जीएसएस)
सबसे उच्च गति इंटरनेट सेवाएं, वीडियो कॉल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य संचार सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
भारतीय रणनीति संचार उपग्रह (एजीसीएस)
इससे भारत की रक्षा तथा सुरक्षा के लिए संचार की व्यवस्था की जाती है।
भारतीय नैविक उपग्रह (गगनयान)
इससे भारतीय समुद्री क्षेत्र में जहाजों और विमानों के संचार की व्यवस्था की जाती है।
भारतीय नाभिकीय संचार उपग्रह (आइआरसीएस)
इससे भारत में नाभिकीय संचार सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
भू-वैज्ञानिकी संचार उपग्रह (कल्पना-1)
इससे भू-वैज्ञानिकी के लिए संचार सेवाएं प्रदान की जाती हैं।