मौलिक कर्तव्य | भारतीय संविधान का भाग 4(A)| fundamental duties in hindi

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आज हम भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक कर्तव्य के बारे में जानेंगे।और जानेंगे की मौलिक कर्तव्यों को भारतीय संविधान में जोड़ने की आवश्कता क्यों पड़ी। और क्यों इन्हे बाद में जोड़ा गया।

मौलिक कर्तव्य भारतीय संविधान के भाग 4 (क) और अनुच्छेद 51(A) में बर्णित है

मौलिक कर्तव्यों को सरदार स्वर्ण सिंह समिति की अनुसंसा पर संविधान के 42 वे संविधान संसोधन के तहत जोड़ा गया था

मौलिक कत्तव्यों को भारतीय संविधान में जोड़ने का सुझाव रूस से लिया गया है।

मौलिक कर्तव्य

  1. प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा की वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शो , संस्थाओं , राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का पालन करे।
  2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे।
  3. भारत की प्रभुता , एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण रखे।
  4. देश की रक्षा करे।
  5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातत्व की भावना का निर्माण करे।
  6. हमारी सामरिक संस्कृति और गौरवशाली परम्परा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे।
  7. प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा संवर्धन करे।
  8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानोपार्जन की भावना का विकास करे।
  9. सार्वजानिक संपत्ति सुरक्षित रखे।
  10. व्यक्तिगत अवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की और बढ़ने का सतत प्रयास करे।
  11. माता -पिता या संरक्षक द्वारा 6 से 14 वर्ष के बच्चो हेतु प्रत्मिक शिक्षा प्रदान करना

प्रतियोगी परीक्षा में पूँछे जाने वाले question

भारतीय संविधान में कितने मौलिक कर्तव्य हैं?

संविधान में कुल 11 मौलिक कर्तव्य वर्णित किये गए गए है

किस संशोधन अधिनियम ने भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा?

42 वे संविधान संशोधन 1976

मौलिक कर्तव्य कहाँ से लिए गए है।

रूस

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