five year plans in India Hindi : पंचवर्षीय योजनाएँ

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five year plans in India Hindi पंचवर्षीय योजनाएँ
five year plans in India Hindi पंचवर्षीय योजनाएँ

भारत में पंचवर्षीय योजनाएँ ( five year plans in india hindi ) भारत की आजादी के बाद से ही भारत को विकास की धारा में लाने के लिए भारत के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा भारत में पंचवर्षीय योजनाओ की शुरुआत की गई। यह एक पांच वर्षीय एक्शन प्लान था जिसके जरिये भारत के आर्थिक विकास को सुगम बनाने का प्रयास किया गया।

भारत में पंचवर्षीय योजनाएँ योजना आयोग द्वारा संचालित की गई थी। योजना आयोग सहकारी निकाय था जिसके जरिये भारत के सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक विकास के लिए योजनाओ को बनाना, उन्हें संचालित करना तथा उन्हें मैनेज करने का कार्य योजना आयोग का था। योजना आयोग की स्थापना 15 मार्च 1950 की गई थी और योजना आयोग ने 1950 से लेकर 2014 तक 12 पंचवर्षीय योजनाओ का संचालन किया जो निम्न प्रकार है।

प्रथम पंचवर्षीय योजना ( first five year plan 1951-1956 )

इस पंचवर्षीय योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 1951 को गई थी यह योजना हेराल्ट डोमर मॉडल पर आधारित थी। जिसका उदेश्य भारत में कृषि और सिचाई को बढ़ावा देना इसके अलावा इस योजना के तहत 1952 में समुदायक विकास कार्यक्रम चलाये गए और 1953 में राष्ट्रीय प्रसार सेवा का प्रारम्भ हुआ। तथा इसके आलावा दामोदर नदी घाटी परियोजना , हीराकुंड परियोजना , भाखड़ा नांगल बांध परियोजना , आदि परियोजनाओं का विकास भी किया गया।

द्वितीय पंचवर्षीय योजना ( second five year plan 1956 -1961 )

यह योजना पी सी महालनोबिस के सिद्धांत पर आधारित थी। इस योजना ने उधोगो की स्थापना पर जोर दिया। और औधोगिकरण को काफी तीव्र गति से बढ़ाने का प्रयास किया गया। इसी का ही परिणाम था भारत की राष्ट्रीय आय में 25% की बृद्धि हुई इसी पंचवर्षीय योजना में ही दुर्गापुर , भिलाई , राउरकेला ,जैसे लौह सयंत्रों की स्थापना की गई

तृतीय पंचवर्षीय योजना ( third five year plan 1961 -1966 )

यह पंचवर्षीय योजना भारत चीन युद्ध 1962 ,और भारत पाक युद्ध 1965 के कारण और 1965-1966 भीषण सूखा पड़ जाने के कारण असफल रही। इस पंचवर्षीय योजना में मुख्य रूप से कृषि और उद्योगों के विकास पर बल दिया गया था। और भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया गया था।

चतुर्थ पंचवर्षीय योजना ( fourth five year plan 1969 -1974 )

चतुर्थ पंचवर्षीय योजना का उदेश्य भारत को स्थिरता के साथ आर्थिक विकास करना था। और अर्थववस्था का न्याय पूर्ण और संतुलित क्षेत्रीय विकास करना था। यह योजना उस समय के योजना आयोग के उपाध्यक्ष डी आर गाडगिल द्वारा तैयार की गई थी। इसी पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत 1969 में 14 बैंको का राष्ट्रीय कारण किया गया। तथा इस योजना में सामान्य उपभोग की बस्तुओं के उत्पादन में अधिक बल दिया गया।

पाँचवी पंचवर्षीय योजना (fifth five year plan 1974 -1979 )

इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन के बाद आत्मनिर्भरता बढ़ाना था। यह योजना डी पी धर द्वारा तैयार की गई थी। इसी योजना के तहत 2 oct 1975 को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शुरुआत की गई थी। इस पंचवर्षीय योजना में तैयार एक योजना तहत काम के बदले अनाज योजना कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। अनावश्यक उपभोग पर रोक लगा दिया गया। खाद्दान भंडारण और वितरण प्रणाली पर बल दिया गया। यह पंचवर्षीय योजना भारतीय जनता पार्टी की सरकार के 1978 में आने से बंद कर दी गई।

अनवरत योजना ( Rolling plan 1978 -1980 )

यह योजना 5वी पंचवर्षीय योजना के एक साल पहले करने के बाद जनता पार्टी द्वारा गुन्नार मिर्डल द्वारा प्रतिपादित इस योजना का प्रारम्भ किया गया जिसे अनवरत योजना कहा गया। इस योजना के तहत 1979 में युवा स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम की गई काले धन पर रोक लगाने के लिए 1000 के नोट बंद किये गए। सार्वजानिक बीमा योजना की शुरुआत और शराब के उत्पादन ,विक्रय ,और उपभोग पर रोक लगा दी गई।

छठी पंचवर्षीय योजना (sixth five year plan 1980 -1985 )

इस पंचवर्षीय योजना में मुख्य रूप से आर्थिक विकास ,गरीबी निवारण ,आधुनिकरण ,आत्मनिर्भरता ,तथा सामाजिक न्याय स्थापित करना मूल उदेश्य था। इस योजना के तहत घरेलु ऊर्जा क्षेत्रों का तेजी से विकास और ऊर्जा संरक्षण पर बल दिया गया इसी पंचवर्षीय योजना के तहत 1980 में 6 बैंको का राष्ट्रीयकारण किया गया। और 12 जुलाई 1982 को नाबार्ड की स्थापना की गई

सातवीं पंचवर्षीय योजना ( seventh five year plan 1985 -1990 )

इस पंचवर्षीय योजना के तहत आधुनिकरण , आत्मनिर्भरता ,सामजिक न्याय और आर्थिक वृद्धि पर बल दिया गया। इस योजना का मुख्य लक्ष्य खाधान उत्पादन में बृद्धि ,उत्पादकता और रोजगार का सृजन करना था। इसी योजना के तहत इंदिरा आवास योजना 1985 ,जवाहर रोजगार योजना 1989 ,और नेहरू रोजगार योजना 1989 की शुरुआत की गई। इसी योजना के तहत स्पीड पोस्ट की व्यवस्था और 1986 में कपार्ट की स्थापना की गई। प्रो, राजकृष्णा ने इस योजना को हिन्दू बृद्धि दर के रूप वर्णित किया है।

राजनितिक अस्थिरता के कारण 2 वर्ष तक वार्षिक योजनाए चलाई गई 1990-91 और 1991 -92 इस दौरान 1990 में लघु उधोगो के विकास के लिए SIDBI की स्थापना की गई। और 1991 में आर्थिक सुधार नीति की घोषणा की गई।

आठवीं पंचवर्षीय योजना (Eighth five year plan 1992-1997)

इस पंचवर्षीय योजना उद्देश्य रोजगार ,शिक्षा ,स्वास्थ्य, को बढ़ावा देना था। यह योजना उदारीकरण के बाद लागू की गई। इस योजना का मॉडल जॉन W मूलर ने तैयार किया थ मुख्य रूप से शिक्षा को व्यापक बनाना और 15 से 35 साल तक के लोगो में निरक्षरता को समाप्त करना। इस योजना में विकास को स्थाई आधार पर समर्थन देने के लिए आधारभूत ढांचे ,ऊर्जा ,संचार ,सिचाई ,इत्यादि को मजबूत करने का प्रयास किया गया।

नौवीं पंचवर्षीय योजना ( Ninth five year plan 1997-2002 )

इस योजना के तहत रोजगार सृजन ,जीवन स्तर ,आत्मनिर्भरता ,एवं क्षेत्रीय संतुलन जैसे क्षेत्रों पर विशेष बल दिया गया। मूल स्थिरता को बनाये रखे हुए। आर्थिक विकास की गति को तेज करना ,पंचायती राज संस्था ,सहकारिता ,एवं स्वयंसेवी संस्थाओ को बढ़ावा देना ,स्वच्छ पेयजल ,प्राथमिक स्वास्थ केंद्र ,सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा ,और आवास जैसी मूल भूत आवश्यक्ताओं को बढ़ावा देना था

इसी योजना के तहत स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना , जवाहर ग्राम समृद्धि योजना , स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना ,प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना आदि योजनाएं चलाई गई।

दसवीं पंचवर्षीय योजना ( Tenth five year plan 2002-2007 )

यह पंचवर्षीय योजना व्यापक आगत निर्गत मॉडल पर आधारित थी। कृषि पर अधिक बल दिया गया भारत की मौद्रिक नीति और राजकोषीय नीति को अधिक लचीला बनाने का प्रयास किया गया। सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र की संरचना पर अधिक बल दिया गया। तथा उन क्षेत्रों पर अधिक बल दिया गया जिनमे रोजगार का सृजन हो सके जैसे – कृषि , निर्माण ,पर्यटन, लघु उधोग ,सूचना प्राधौगकी और संचार क्षेत्र इत्यादि।

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (Eleventh five year plan 2007-2012 )

इस पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य तीव्र और समावेशी विकास की और भारत को आगे बढ़ाना। भारत में 7 वर्ष से अधिक की आयु के वर्ग को 80% साक्षर बनाना। मातत्व मृत्यु दर को काम करना। कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे लाना। गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को तक भी बिजली पहुँचाना। इत्यादि कार्य किये गए।

बारहवीं पंचवर्षीय योजना (Twelfth five year plan 2012-2017 )

बाहरवीं पंचवर्षीय योजना में अधिक और तीव्र समवेशी विकास पर बल दिया गया इस योजना में आर्थिक क्षेत्र में कृषि ,उद्योग, ऊर्जा ,परिवाहन।, संचार ,ग्रामीण ,एवं शहरी विकास को शामिल किया गया था और सामाजिक क्षेत्र में स्वास्थ्य ,शिक्षा ,रोजगार ,और कौशल विकास ,महिला अभिकरण अवं वाल विकास पर जोर दिया गया।

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