भारत में सूती बस्त्र उद्योग (cotton textile industries in india hindi ) के प्रमुख केंद्र मुंबई , अहमदाबाद ,कानपुर ,कोयम्बटूर आदि है। भारत में पहला सूती बस्त्र उद्योग का कारखाना 1818 में कलकत्ता के निकट पोर्ट ग्लॉस्टर में लगाया गया था परन्तु यह प्रयास सफल नहीं रहा।
इसके बाद सन 1854 में मुंबई में प्रथम सूती बस्त्र उद्योग ( cotton textile industries ) का कारखाना स्थापित किया गया। जिसका नाम द बॉम्बे स्पिनिंग मिल था इस कारखाने की स्थापना नानाभाई डावर ने की थी।
सूती वस्त्र उद्योग के कच्चे माल के भार हासी न होने के कारण यह उद्योग पूरे देश में फैला हुआ है।
भारत में सबसे ज्यादा सूती बस्त्र उद्योग के कारखानें तमिलनाडु में स्थित है। तमिलनाडु सूती का अग्रणी उत्पादक राज्य है और इसका कारण यह है की यहाँ कताई मिलो की संख्या अधिक है। क्योकि यहाँ श्रमिक और सस्ती जल विद्युत की अच्छी उपलब्धता है।
तमिलनाडु में स्थित कांचीपुरम और मध्य प्रदेश में स्थित चंदेरी परम्परिक साड़ियों के लिए प्रसिध्द है।
इसके आलावा पंजाब राज्य लुधियाना , हौजरी उद्योग के लिए प्रशिद्ध है। इसे पंजाब की औधोगिक राजधानी भी कहा जाता है। यह होजरी से बने कपड़ो और बिभिन रेडीमेट कपड़ो के लिए प्रसिध्द है।
भारत में सूती बस्त्र उद्योग के प्रमुख केंद्र
भारत में सूती बस्त्र उद्योग भार हासी उद्योग न होने के कारण लगभग सम्पूर्ण देश में फैला हुआ है। लेकिन भारत में बस्त्र उद्योग के कुछ केंद्र अपनी प्रतिष्ठा ,और पारम्परिक कपड़ो के कारण प्रसिध्द हुए है। जो निम्न प्रकार है।
मध्य प्रदेश – चंदेरी ,अशोकनगर , इंदौर
उत्तर प्रदेश – बाराणसी, हातरस , इटावा ,मोदीनगर ,कानपुर
तामिलनाडु – तिरुचिरापल्ली ,सालेम , तंजापुर ,कोयम्बटूर
गुजरात – सूरत , बड़नगर, भावनगर ,राजकोट
कर्नाटक – मैसूर ,बेलगाम , गुलबर्गा
महाराष्ट्र – सोलापुर ,कोल्हापुर ,औरंगाबाद ,नागपुर और पुणे
महाराष्ट्र –
मुंबई देश का सबसे बड़ा सूती बस्त्रो का केंद्र है। मुंबई को उद्योग के पूर्व प्रारम्भ के लिए कच्चे माल की निकटता ,दच्छ पूंजी ,पूंजी पत्तन ,परिवहन ,बाजार ,समुद्री जलवायु आदि सुविधाय प्राप्त है इस कारण इसे ‘ भारत का कोर्टोनोपॉलिश ‘ कहा जाता है राज्य के अन्य सूती बस्त्र उद्योग केंद्र सोलापुर ,पुणे , नागपुर , जलगांव आदि है।
गुजरात –
इसे कज्जे माल, वृहत् माल, वृहत् बाजार, पूँजी, पतन तथा परिवहन की सुविधाएँ प्राप्त हैं। यह देश का 7.5% सूती धागा तथा 26% कारखाना निर्मित वस्त्र तैयार करता है। अहमदाबाद, वहत्तम सूती वस्त्रोद्योग केन्द्र है। राज्य के अन्य महत्वपूर्ण वस्त्रोत्पादक केन्र भरूच, वडोदरा, राजकोट, भावनगर, कलोत, सूरत, खम्भात, मोरबी आदि हैं।
तमिलनाडु
यहाँ देश का 42.2% कारखाना निर्मित सूती धागे का उत्पादन होता है। वस्त्र उत्पादन (9.5%) में इसका देश में तृतीय स्थान है। यहाँ कच्चे माल, दक्ष श्रम, सस्ती जल-विद्युत तथा बाजार की सुविधाएँ प्राप्त हैं। कोयम्बट्र वृहत्तम वस्त्रोत्पादक केन्द्र हैं। अन्य महत्वपूर्ण वस्त्रोत्पादक केन्द्र चेन्नई, मदुरै, तिरूनेलवेली, तूतीकोरिन, सलेम, विरूद्धनगर, उदमलपेट, औचाली आदि हें।
उत्तरप्रदेश
राज्य को कच्चे माल, श्रम, बाजार परिवहन आदि सभी सुविधाएँ प्राप्त हैं किन्तु बार-बार विद्युत कटौती की समस्या है। कानपुर (14 कारखाने) अग्रणी वस्त्रोत्पादक केन्द्र हैं। अन्य महत्वपूर्ण केन्द्र मुरादाबाद, मोदीनगर, अलीगढ़, आगरा, इटावा, गाजियाबाद, बरेली, हाथरस, रामपुर, मेरठ, मऊनाथभंजन आदि हैं।
पश्चिम बंगाल
राज्य को बाजार, सस्ता श्रम, सस्ती शक्ति, परिवहन आदि लाभ प्राप्त हैं जो इस उद्योग के विकास के लिये आवश्यक है। कोलकाता वृहत्त वस्त्रोत्पादक केद्र है। अन्य महत्वपूर्ण केन्द्र हावड़ा, सोदेपुर, श्यामनगर, मुर्शिदाबाद, सैकिया, पनिहाटी, मौरीग्राम आदि अन्य महत्वपूर्ण केन्द्र हैं।
कर्नाटक
राज्य में हथकरघा तथा शक्तिचालित करघा उद्योग भी उन्नत अवस्था में हैं। अधिकांश कारखानें बंगलौर, मैसूर, हुबली, बेलारी, देवांगेरे, गोकक, गुलबर्गा तथा चित्रदुर्ग में स्थित हैं।
आंध्रप्रदेश
अधिकांश कारखानें तेलगाना के कपास उत्पादन क्षेत्रों में अवस्थित हैं जो केवल धागा उत्पादन करते हैं। हैदराबाद, वारंगल, गुन्तुर, अदोनी, रामागृण्डम, गुतकल तथा तिरूपति प्रमुख बस्त्रोत्पादक केन्द्र हैं।
मध्य प्रदेश
इन्दौर, ग्वालियर, उज्जैन, नागदा, देवास, भोपाल, जबलपुर, बुरहानपुर, रतलाम तथा मन्दसौर प्रमुख वस्त्रोत्पादक केन्द्र हैं।
राजस्थान
श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा, जयपुर, उदयपुर, कोय, पाली, विजयनगर, किशनगढ़ आदि प्रमुख वस्त्रोत्पादक केन्द्र हैं।
केरल
यहाँ कुटीर तथा हथकरघा उद्योग भी उन्नत है। वस्त्रोत्पादक केन्द्रों में अलवाय, कोचि, अलप्पानगर तथा अलापुझा उल्लेखनीय हैं।
सूती बस्त्र उद्योग के लिए प्रसिध्द प्रमुख शहर
भारत का मेनचेस्टर | अहमदाबाद |
उत्तर भारत का मेनचेस्टर | कानपुर |
दक्षिण भारत का मेनचेस्टर | कोयम्बटूर |
पूर्व का बोस्टन | अहमदाबाद |
भारत का कार्टनोपॉलिश | मुंबई |
सूती वस्त्र उद्योग की प्रमुख समस्याएं
- भारत में सूती बस्त्र उद्योग पारम्परिक तरीके से विकसित हुए ही। जिस कारण इनकी क़्वालिटी अन्य देशो के कपड़ो के सामने कुछ हल्की रहती है। इस समस्या का समाधान नई विशेषीकृत मशीनों का use करके ही सुधारा जा सकता है।
- मशीनों के लिए बिजली अपर्याप्त इस उद्योग की प्रमुख समस्या है।
- मुख्यता इस उद्योग में अधिक्तर लम्बे कपास की आवश्कता होती है अतः कपास की कमी होना भी एक प्रमुख समस्या है।
अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न
Q -भारत में सूती वस्त्र उद्योग की राजधानी किसे कहा जाता है।
ans -भारत में सूती वस्त्र उद्योग की राजधानी मुंबई को कहा जाता है।
Q – भारत में प्रथम सूती बस्त्र उद्योग की स्थापना कब की गई।
ans -भारत में पहला सूती बस्त्र उद्योग का कारखाना 1818 में कलकत्ता के निकट पोर्ट ग्लॉस्टर में लगाया गया था परन्तु यह प्रयास सफल नहीं रहा। इसके बाद सन 1854 में मुंबई में प्रथम सूती बस्त्र उद्योग ( cotton textile industries ) का कारखाना स्थापित किया गया। जिसका नाम द बॉम्बे स्पिनिंग मिल था इस कारखाने की स्थापना नानाभाई डावर ने की थी।
Q -सूती वस्त्र उद्योग के महाराष्ट्र गुजरात में तेजी से बढ़ने के चार कारण बताइए।
ans – ऊपर पैराग्राफ में देखे।
Q – भारत का मेनचेस्टर किसे कहा जाता है
ans -अहमदाबाद
Q -उत्तर भारत का मेनचेस्टर किसे कहा जाता है।
ans – कानपुर