भारत की प्राचीनतम चट्टानें एवं उनका का वर्गीकरण | Classification of Rocks in hindi

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भारत की प्रमुख चट्टानें जिनका विकास क्रम अनुसार हुआ है इन चट्टानों का वर्गीकरण इस आर्टिकल में बताया गया है

आर्कियन क्रम की चट्टाने


ये प्राचीनतम चट्टाने हैं इन चट्टानों का निर्माण तत्व पृथ्वी के ठंडा होने के फलस्वरूप हुआ है अत्यधिक रूपांतरण के कारण इनका मौलिक रूप परिवर्तित हो चुका है एवं इन चट्टानों में जीवाश्म का अभाव है यह न्यूज़ एवं शिफ्ट प्रकार की है कार्यशाला में खनिज संपदा का भंडार पाया जाता है इन चट्टानों में धातु व अधातु के दुर्लभ खनिज पाए जाते हैं चट्टाने मुक्ता कर्नाटक तमिलनाडु आंध्र प्रदेश मध्य प्रदेश छोटा नागपुर का पठार पूर्वी राजस्थान के अलावा महान हिमालय के गर्भ में भी मौजूद है

धारवाड़ क्रम की चट्टाने

धारवाड़ क्रम की चट्टानों का निर्माण आर्यन क्रम की चट्टानों के अपरदन एवं निक्षेपण के फल शुरू हुआ है इसमें जीवाश्म का अभाव पाया जाता है इस क्रम की चट्टाने संरचना कर्नाटक के धारवाड़ और शिमोगा जिले में देखने को मिलती है इसके अलावा मध्य एवं पूर्वी प्रायद्वीप उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र एवं मेघालय का पठार हिमालय क्षेत्र आदि में यह संरचना पाई जाती है अरावली पर्वत का निर्माण धारवाड़ क्रम की चट्टानों से हुआ है इस क्रम की चट्टाने आर्थिक दृष्टि से सबसे अधिक महत्वपूर्ण है इसमें प्रमुख धात्विक खनिज जैसे लोहा सोना मैग्नीज अभ्रक कोबाल्ट क्रोमियम तामा टंगस्टन सीसा एवं मूल पत्थर व गृह निर्माण के पदार्थ पाए जाते हैं

कुटप्पा क्रम की चट्टाने

कुटप्पा क्रम की चट्टानों का निर्माण धारवाड़ क्रम की चट्टानों की अपरदन एवं निक्षेपण से हुआ है एक प्रकार चट्टाने हैं इनका रूपांतरण धारवाड़ क्रम की चट्टानों की तुलना में कम हुआ है इन चट्टानों में जीवाश्म का अभाव है कटप्पा क्रम की चट्टानों का नामकरण आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले के नाम पर हुआ है इस क्रम की चट्टानों में बलुआ पत्थर चूना पत्थर संगमरमर आदि पाया जाता है पूर्वी घाट का निर्माण इसी क्रम की चट्टानों से हुआ है इस क्रम की चट्टानों का विस्तार छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश के रीवा एवं ग्वालियर क्षेत्र में भी पाया जाता है इस क्रम की चट्टानों में हीरे भी पाए जाते हैं आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में सोने के प्रमाण मिले हैं

विंध्यन क्रम की चट्टाने

विंध्यन क्रम की चट्टानों का निर्माण को कुटप्पा क्रम की चट्टानों के बाद हुआ है ये परतदार चट्टानें है. तथा इस संरचना में सूक्ष्म जीवों के प्रमाण मिलते हैं विंध्य

क्रम की चट्टानों के 5 क्षेत्र हैं

  • सोन नदी घाटी में सिमरी श्रेणी
  • भीमा नदी घाटी में भीमा श्रेणी
  • राजस्थान की जोधपुर तथा चित्तौड़गढ़ में पालनी श्रेणी
  • आंध्र प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी भाग में करनूल श्रेणी
  • ऊपरी गोदावरी घाटी तथा नर्मदा घाटी के उत्तर में मालवा व बुंदेलखंड

इस संरचना में चूना पत्थर लाल बलुआ पत्थर चीनी मिट्टी तथा डोलोमाइट आदि पाए जाते हैं विंध्यान क्रम की संरचना भवन निर्माण के पत्थरों के लिए प्रसिद्ध है लाल किला जामा मस्जिद सांची का स्तूप इस सेल से निर्मित है

गोंडवाना क्रम की चट्टाने

विंधयन क्रम की चट्टानों के काफी समय बाद गोंडवाना क्रम की चट्टानों का निर्माण होगा गोंडवाना क्रम की चट्टानों का निर्माण ऊपरी कार्बोनिफरस से लेकर जुरासिक युग के बीच हुआ है यह संरचना क्रम भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का आधार है भारत का 98% कोयला इसी संरचना में पाया जाता है गोंडवाना क्रम की चट्टाने मुख्य रूप से बिहार झारखंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ आंध्र प्रदेश उड़ीसा और महाराष्ट्र में पाई जाती है गोंडवाना क्रम की चट्टानों को गोंडवाना एवं निम्न गोंडवाना में वर्गीकृत किया जाता है महादेव राज महल जबलपुर एवं उमरिया श्रेणी क्रम के अंतर्गत जबकि तालचेर एवं वंचित श्रेणी को निम्न के अंतर्गत सम्मिलित किया जाता है

इन्हे भी देखें – भारत के परमाणु ऊर्जा सयंत्र:( parmanu sayantra in india list 2022)

दक्कन ट्रैप क्रम की चट्टाने

प्रायद्वीपीय भारत में सुजुकी युग की अंतिम काल में ज्वालामुखी क्रिया प्रारंभ हुई दरारों के माध्यम से लावा उद्गार के फल स्वरुप चट्टानों का निर्माण हुआ दक्कन ट्रैप का निर्माण टीसीएस से लेकर यू सीन काल तक माना जाता है इस संरचना का विकास लावा के प्रवाह के फल स्वरुप शिरडी आकृति के रूप में हुआ है यह संरचना बेसाल्ट एवं डोलोमाइट चट्टानों से निर्मित है इन्हीं का निर्माण हुआ है महाराष्ट्र गुजरात मध्यप्रदेश के कुछ भागों में पाई जाती है

टर्शियरी क्रम की चट्टाने

टर्शियरी क्रम की चट्टानों का निर्माण युग युग से लाइव सीन युग के मध्य हुआ है इस काल में हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण हुआ है इस काल की चट्टानों में उत्तर पूर्वी भारत एवं जम्मू कश्मीर में निम्न स्तरीय कोयला भी पाया जाता है हिमालय प्रदेश एवं गढ़वाल हिमालय में चूना पत्थर के नीचे पाए जाते हैं इस संरचना का विस्तार कश्मीर से लेकर असम तक है

इन्हें भी देखें – भारत की प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएं | bharat ki nadi ghati pariyojnaye in hindi

क्वार्टरनरी क्रम की चट्टाने

क्वार्टरनरी संरचना सिंधु एवं गंगा के मैदानी भाग में पाई जाती है पुरानी जलोढ़ मृदा का निर्माण एवं सुप्रसिद्ध काल में हुआ है जबकि नवीन जलोढ़ मृदा का निर्माण पुलिस स्टेशन काल के अंत में प्रारंभ हुआ जो वर्तमान काल तक जारी है पुरानी जलोढ़ मृदा में बांगड़ तथा जमीन जलोढ़ मृदा को खादर कहा जाता है विशाल मैदान में निक्षेप तलछट की गहराई में काफी भिन्नता मिलती है सामान्यता हिमालय की तरफ गहराई अधिक है जबकि प्रायद्वीपीय पठार की तरफ गम कश्मीर घाटी का निर्माण किस काल में हुआ है यह घाटी प्रारंभ में एक झील थी नदियों द्वारा लोगों के निरीक्षण के फलस्वरूप यह मैदान में परिवर्तित हो गई भारत विकसित होता है कि यहां पर चिंतन से लेकर नवीनतम काल की चट्टानी भूगर्भिक संरचना पाई जाती है

पृथ्वी की सर्वाधिक प्राचीन चट्टान कौन सी है?

आर्कियन क्रम की चट्टानें

भारत में विंधयन क्रम की चट्टानें कहाँ पाई जाती है?

सोन नदी घाटी ,भीमा नदी घाटी ,राजस्थान का जौधपुर ,इत्यादि

हीरा क्रम की चट्टान में पाया जाता है।

कुडप्पा क्रम की चट्टानों में

खनिज किस क्रम की चट्टानों में पाए जाते है

धारबाड क्रम की चटटनो में

काली मिटटी का निर्माण किस क्रम की चट्टानों से हुआ है।

दक्कन ट्रेप की चटटनो से

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