भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी | bhartiya raksha prodyogiki in Hindi

0
36

रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की स्थापना सन 1958 में की गई थी इस समय कैसे कुछ अन्य प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ मिलाकर स्थापित किया गया था

1980 में स्वतंत्र रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग गठित किया गया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ के प्रमुख एवं महानिदेशक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार होते हैं इस संगठन का मुख्यालय नई दिल्ली में है

रक्षा उत्पादन विभाग एवं रक्षा आपूर्ति विभाग का 1984 में विलय करके रक्षा उत्पादन एवं आपूर्ति विभाग की स्थापना की गई

भारतीय रक्षा प्रौद्योगकी के प्रमुख प्रक्षेपास्त्र

भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जुलाई 1983 में समेकित निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम की शुरुआत की इस कार्यक्रम के संचालन का दायित्व रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन DRDO को सौंपा गया इस कार्यक्रम के अंतर्गत विकसित प्रक्षेपास्त्र

पृथ्वी

यह जमीन से जमीन पर मार करने वाला कम दूरी का बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र है पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र का प्रथम परीक्षण फरवरी 1988 में चांदीपुर अंतरिम परीक्षण केंद्र से किया गया पृथ्वी की न्यूनतम मारक क्षमता 40 किलोमीटर तथा अधिकतम मारक क्षमता 250 किलोमीटर है

त्रिशूल

यह कम दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला प्रत्येक पात्र है इसकी मारक क्षमता 500 मीटर से 9 किलोमीटर तक है यह मैक्टों की गति से निशानी को भेद्य सकता है

आकाश

यह जमीन से हवा में मार करने वाला मध्यम दूरी का बहुlक्षीय प्रक्षेपास्त्र है इसकी मारक क्षमता लगभग 25 किलोमीटर है आकाश पहली ऐसी भारतीय प्रक्षेपास्त्र है जिसके प्रणोदक में राजनीतिक सिद्धांतों का प्रयोग किया गया है इसकी तकनीकी को दृष्टिगत करते हुए इसकी तुलना अमेरिकी पोट्रेयड मिसाल से की जा सकती है यह परंपरागत एवं परमाणु आयुध को ढोने की क्षमता रखता है तथा इसे मोबाइल लांचर से भी छोड़ा जा सकता है

अग्नि

अग्नि श्रेणी मे पांच प्रक्षेपास्त्र है। अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3, अग्नि-4, अग्नि-5 । अग्नि जमीन से जमीन पर मार करने वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है अग्नि 3 की मारक क्षमता 3000 किलोमीटर से अधिक है एवं इसे 5000 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है पनडुब्बी से छोड़े जाने वाले अग्नि 3 का विकास भी किया जा रहा है अग्नि 3 को पाकिस्तान की हाल्फ-3 और इजराइल के जैरिको-2 की श्रेणी में रखा जा सकता है अग्नि 3 परंपरागत तथा परमाणु दोनों प्रकार के विस्फोटकों को ले जाने की क्षमता रखती है भारत ने 15 नवंबर 2011 को इंटरमीडिएट बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि फोर का उड़ीसा के व्हीलर द्वीप से सफलतापूर्वक परीक्षण किया वह प्रतिपादित 100 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है इसमें ठोस प्रणोदक के दो चरण और एक पोलिएद है इसमें दो स्तरीय हथियार प्रणाली है जो ठोस प्रणोदक से चलती है यह जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है

नांग

यह टैंक रोधी निर्देशित प्रक्षेपास्त्र है इसकी मारक क्षमता 4 किलोमीटर है इसका प्रथम सफल परीक्षण नवंबर सन 1990 में किया गया था इसे दागो और भूल जाओ टैंक रोधी परिचय पत्र भी कहा जाता है क्योंकि इसे एक बार दागे जाने के पश्चात पुनः निर्देशित करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

धनुष

यह जमीन से जमीन पर मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र में से एक है यह पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र का ही 9 सैनिक रूपांतर है इसकी मारक क्षमता 800 किलोमीटर तथा इस पर लगभग 500 किलोमीटर आयुध प्रक्षेपित किया जा सकता है

सागरिका

यह सबमेरीन लांच बैलेस्टिक मिसाइल है समुद्र के भीतर से इसका पहला परीक्षण फरवरी 2008 में किया गया था यह परंपरागत एवं परमाणु दोनों ही तरह के आयुध ले जाने मैं सक्षम है इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के द्वारा तैयार किया गया है भारत ऐसा पांचवा देश है जिसके पास पनडुब्बी से बैलेस्टिक मिसाइल दागने की क्षमता है

अस्त्र

यह मध्यम दूरी का हवा से हवा में मार करने वाला स्वदेशी तकनीक से विकसित प्रक्षेपास्त्र है इसकी मारक क्षमता 10 से 25 किलोमीटर तक है यह भारत का प्रथम हवा से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है

ब्रह्मोस

यह भारत एवं रूट की संयुक्त परियोजना के तहत विकसित किया जाने वाला प्रक्षेपास्त्र है। इसका नाम ब्रह्म भारत की नदी ब्रह्मपुत्र के Brah और रूस की नदी moskva के mos से मिलकर बना है। यह 87 सताए मार करने वाला मध्यम दूरी का सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है इसका प्रथम सफल परीक्षण जून 2001 में किया गया था इसका तीसरा परीक्षण मार्च 2009 में किया गया यह भी दागो और भूल जाओ की पद्धति पर ही विकसित किया गया है इस क्रूज मिसाइल को जून 2007 में भारतीय थल सेना में सम्मिलित किया गया लगभग 290 किलोमीटर तक 200 किलोग्राम वजनी परमाणु बम ले जाने में सक्षम ब्रह्मोस ध्वनि की लगभग 3 गुना तेज गति से चलती है

प्रद्युम्न

यह प्रक्षेपास्त्र दुश्मन के प्रक्षेपास्त्र को हवा में बहुत ही कम दूरी पर मार गिराने में सहायक है यह एक इंटरसेप्टर प्रक्षेपास्त्र है भारत ने स्वदेश निर्मित एडवांस एयर डिफेंस मिसाइल का परीक्षण उड़ीसा के पूर्वी तट पर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से 6 दिसंबर 2007 को किया।

युद्धक टैंक अर्जुन

इसका विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के द्वारा किया गया है इस युद्धक टैंक की गति अधिकतम 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है यह रात के अंधेरे में भी काम कर सकता है इस टैंक में लगा एक विशेष प्रकार का फिल्टर जवानों को जहरीली गैसों एवं विकिरण प्रभाव से रक्षा करता है इस फिल्टर का निर्माण BARK ने किया था। अर्जुन टैंक को विधिवत रूप से भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया है

T-90 S भीष्म टैंक

इसका निर्माण चेन्नई के समीप आवरी टैंक कारखाने में किया गया था यह 4 किलोमीटर के दायरे में परिचय पत्र दाग सकता है यह दुश्मन के प्रक्षेपास्त्र से स्वयं को बचाने की क्षमता रखता है तरह जमीन में बिछाई गई बारूदी सुरंगों से भी अपनी रक्षा करने की क्षमता रखता है

हल्के लड़ाकू विमान तेजस

यह स्वदेश निर्मित प्रथम हल्का लड़ाकू विमान है इसके विकास में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है इसमें अभी जी इ -404 अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रॉनिक का इंजन लगा है जिसे भविष्य में स्वदेश निर्मित कावेरी इंजन लगाकर हटाया जाएगा विश्व के सबसे कम वजन वाले बहुआयामी सुपरसोनिक लड़ाकू विमान 600 किलोमीटर प्रति घंटे से उड़ान भर्ती है और हवा से हवा में हवा से धरती पर तथा हवा से समुद्र में मार करने में सक्षम है

पायलट रहित प्रशिक्षण विमान निशांत

यह स्वदेशी तकनीक से निर्मित पायलट रहित प्रशिक्षण विमान हैं इसे जमीन से 160 किलोमीटर के दायरे में नियंत्रित किया जा सकता है इस विमान का मुख्य उद्देश युद्ध क्षेत्र में पर्यवेक्षण और टोह लेने की भूमिकाओं का निर्वाह करना है

पायलट रहित विमान लक्ष्य

इसका विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के द्वारा किया गया है इसका उपयोग जमीन से वायु तथा वायु से वायु में मार करने वाले प्रश्न पात्रों से तथा तोपों से निशाना लगाने के लिए प्रशिक्षण देने हेतु एक लक्ष्य के रूप में प्रयोग किया जाता है यह जेट इंजन से चलता है तथा 10 बार प्रयोग में लाया जा सकता है 100 किलोमीटर के दायरे में ऐसे रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता है इसका प्रयोग तीनों सेनाओं द्वारा किया जा रहा है

एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव

इसे डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है अधिकतम 245 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरने वाला यह हेलीकॉप्टर 4 घंटे तक आकाश में रहकर 800 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है जादू इंजन वाला हेलीकॉप्टर है जिसमें 2 चालकों सहित 14 व्यक्तियों को ले जाया जा सकता है

आईएल-78

यह आसमान में उड़ान के दौरान ही लड़ाकू विमानों में ईंधन भरने वाला प्रथम विमान हैं इसे भारत में मार्च 2003 में उज्बेकिस्तान से प्राप्त किया गया है इस विमान में 35 टन विमान की धन के भंडारण की सुविधा है आगरा की वायु सैनिक अड्डे पर इन विमानों को रखने की विशेष व्यवस्था है

काली-5000

काली 5000 का विकास BARK द्वारा किया जा रहा है यह एक शक्तिशाली बीम अस्त्र है जिसमें कई गीगा वाट शक्ति की माइक्रोवेव तरंगे उत्सर्जित होगी जो शत्रु के विमानों एवं प्रति पात्रों पर लक्षित करने पर उनकी इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों और कंप्यूटर चिप्स को समाप्त करके उन्हें ध्वस्त करने में सक्षम होगीं।

पिनाका

गेम मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर है स्वदेशी तकनीक से डीआरडीओ द्वारा विकसित इस रॉकेट प्रक्षेपण को ए आर डी ई पुणे मैं निर्मित किया गया है तथा इसका नाम भगवान शंकर के धनुष पिनाका के नाम पर पिनाका रखा गया है इसके द्वारा मत 40 सेकेंड में ही 200 किलोग्राम वजन की एक के बाद एक 12 रॉकेट प्रक्षेपित किए जा सकते हैं जो कम से कम 7 और अधिक से अधिक 39 किलोमीटर दूर तक दुश्मन की खेमे में तबाही मचा सकते हैं।

इन्हे भी देखें

भारत चीन सीमा विवाद : भारत और चीन मध्य संबंध आजादी से लेकर अब तक (bhaarat cheen seema vivaad in Hindi)

लेजर क्या है। लेजर के उपयोग , प्रकार और भारत में लेजर तकनीक विकास (What is a laser? Uses, Types, and Development of Laser…

इसरो के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ,ISRO द्वारा अभी तक लॉन्च महत्वपूर्ण सैटेलाइट ( ISRO Hindi )

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here