भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) | Bharateey Vanaspati Sarvekshann

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वर्ष 1980 में स्थापित भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण बीएसआई का शुरुआती उद्देश्य देश के पादप संसाधनों का अन्वेषण और आर्थिक महत्व की पादप प्रजातियों की पहचान करना था

भारत सरकार द्वारा 29 मार्च 1954 को सर्वेक्षण के पुनर्गठन की योजना का अनुमोदन हुआ

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण का मुख्यालय कोलकाता में है

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के उद्देश्य

  • वन सर्वेक्षण के आधार पर देश के पादप संसाधनों के वितरण परिस्थिति और आर्थिक उपयोगिता पर सुनिश्चित एवं वनस्पति जानकारी एकत्रित करना
  • शैक्षणिक एवं शोध संस्थानों के लिए उपयोगी सामग्री का संग्रह अभी निर्धारण एवं वितरण करना
  • सुव्यवस्थित पादपों में विश्वसनीय संग्रह के अभिलक्षण तथा स्थानीय जिला राज्य एवं राष्ट्रीय वनस्पति जात के रूप में पादप संसाधनों का प्रलेखन करना
  • वर्तमान में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण पर्यावरण एवं वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के अधीन सर्वेक्षण प्रलेखन एवं संरक्षण के माध्यम से देश के बनने पादप संसाधनों संबंधी वर्गकी और पोषण अध्ययन करने के लिए एक सीट अनुसंधान संगठन है

श्रमिक योजना गत अवधि के दौरान भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के कार्यात्मक आधार को और विस्तार दिया गया जिससे कि देशज दुर्लभ और संकटापन्न पादप प्रजाति में को सूचीबद्ध करने संरक्षण से संबंधित कार्य नीतियां विकसित करने संवेदनशील जो प्रणालियों परितंत्र ओं और अभ्यारण और राष्ट्रीय उद्यानों तथा जय मंडल आगार संबंधी अध्ययन करने वनस्पति उद्यानों तथा भारतीयों का संवर्धन तथा अनुसरण पौधों के बारे में पारंपरिक ज्ञान का पर लेखन तथा पादप आलिम संबंधी राष्ट्रीय डेटाबेस का विकास पादप वितरण एवं नामांतरण वनस्पति चित्रण पादपों के प्रयोग आदि जैसे विभिन्न नए-नए क्षेत्र शामिल किए जा सके वर्ष 1954 में विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण को फिर एक संगठित रूप दिया गया

संरक्षण की आवश्यकता वाली रेट लिस्ट की प्रजातियों प्रजाति समृद्धि क्षेत्रों की पहचान वनस्पतिक बागानों में विशेष रुप से संकटा पन्ने पादप बरगी का स्थानीय संरक्षण

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के लिए सभी टास्को को पूरा करने के लिए सहायता हेतु चार सर्किल ओ पूर्वी शिलांग पश्चिमी पुणे उत्तरी देहरादून तथा दक्षिणी कोयंबटूर का निर्माण किया गया है

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI) के अन्य उद्देश्य

  • चुनिंदा पादप समूहों का प्रबंधन आत्मक अध्ययन
  • नृजातीय खाद पदार्थों एवं आर्थिक दृष्टि से उपयोगी अन्य पादप प्रजाति यों के पोस्ट मूल्यों का गुणात्मक विश्लेषण
  • अध्ययन हेतु संपर्क क्षेत्रों का पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन
  • वनस्पतिक उद्यान ओ संग्रहालय एवं औषधीय बागानों का विकास एवं अनुरक्षण करना
  • भारतीय पादपों के बीच पगार और जीवाणु एटलस तैयार करना

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