भारत में लौह इस्पात उद्योग | Bharat Me Loh Ispat Udyog

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भारत में लौह इस्पात उद्योग के विकास और उनके संचालन में छोटा नागपुर के पठार की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योकि छोटा नागपुर के पठार की पेटी पूर्व क्रेम्बियन काल की आग्नेय तथा कार्यान्तरित चट्टानों से बनी है।

भारत में लौह इस्पात उद्योग की प्रमुख कम्पनिया

  • टाटा आयरन एंड स्टील कम्पनी (TISCO)
  • इंडियन आयरन एंड स्टील कम्पनी (IISCO)
  • विश्वेश्वरैया स्टील लिमिटेड , भद्रावती (VISL , Bhadravati)
  • हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड , राउरकेला (HSL , Rourkela)
  • हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड , भिलाई (HSL , Bhilai)
  • हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड , दुर्गापुर (HSL , Durgapur)
  • बोकारो स्टील लिमिटेड , बोकारो (BSL , Bokaro)
  • सलेम स्टील प्लांट (SSP , Salem)
  • विजयनगर स्टील प्लांट (vijainagar steel plant)
  • VSL विशाखापत्तनम ( VSL vishakha-patnam)

टाटा आयरन एंड स्टील कम्पनी (TISCO)

यह संयंत्र जमशेदपुर (झारखण्ड) में गुआ , बादामपहाड़, आदि लौह श्रेणियों के मध्य तथा झरिया-रानीगंज कोयला क्षेत्रों के निकट, कोलकाता मुम्बई रेलमार्ग को जोड़ने वाले ट्रंक रेलमार्ग पर स्थित हैं। मेंगनीज तथा चूना निकटवर्ती गुआ तथा बादामपहाड के निक्षेपों से प्राप्त होता है। प्रसंस्करण में बड़ी मात्रा में आवश्यक स्वच्छ जल सुवर्ण रेखां तथा खरकई नदियों से प्राप्त होता है।

इंडियन आयरन एंड स्टील कम्पनी (IISCO)

इसकी दो इकाइयाँ हैं हीरापुर में पिग आयरन तथा वर्नपुर में इस्पात है। यह रानीगंज कोयला क्षेत्र के मध्य स्थित है, किन्तु लौह अयस्क, मैंगनीज तथा चूनापत्थर दूर से मँगाने पड़ते हैं। यह संयन्त् आसनसोल-कोलकाता मुख्य रेलमार्ग पर दामोदर नदी के तट पर स्थित है। IISCO का विलय अब SAIL में हो गया है।

विश्वेश्वरैया स्टील लिमिटेड , भद्रावती (VISL , Bhadravati)

यह संयंत्र से पहले मैसूर आयरन एण्ड स्टील लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, बाबाबूदन की पहाड़ियों के लौह अयस्क भण्डारों का दोहन करने के लिए स्थापित किया गया था। मूलतः इसमें शक्ति के लिए चारकोल का प्रयोग किया जाता था। अब विद्युत भटिटयों का प्रयोग होता है। इसके लिये मैंगनीज स्थानीय रूप से तथा स्वच्छ जल भद्रावती नदी से प्राप्त होता है।

हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड , राउरकेला (HSL , Rourkela)

यह संयंत्र उड़ीसा के सुन्दरगढ़ जिले में कोलकाता-नागपुर रेलमार्ग पर, सँख तथा कोइल नदियों के संगम पर स्थित हे। लोह अयस्क बरसुआ से तथा कोयला बोकारो, करगली, झरिया, तलचर एवं कोरबा क्षेत्रों से मैंगनीज, बाराजामदा से चूना पत्थर, हाथीबाड़ी, पूर्णपानी तथा बीरमित्रपुर से डोलोमाइट, बड़ाद्वार से प्राप्त होता है। अतिरिक्त शक्ति हीराकुण्ड जलविद्युत प्रणाली से प्राप्त होता है।

हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड , भिलाई (HSL , Bhilai)

यह संयंत्र दुर्ग जिले (छत्तीसगढ़) में कोलकाता-मुम्बई रेलमार्ग पर स्थित हे। यह लौह अयस्क ढल्ली-राजहरा खदानों से, कोयला कोरबा, बोकारो, करगली एवं झरिया क्षेत्रों से, चूना पत्थर नन्दिनी खदानों से, मैंगनीज बालाघाट तथा भण्डारा क्षेत्रों से, डोलोमाइट भटपुरा, हरदी, रामटोला, कसोन्दी, परसोदा, खैरा तथा पटपारा से, जल तन्दुला नहर एवं जलाशय से तथा विद्युत कोरबा तापीय शक्ति गृह से प्राप्त करता है।

हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड , दुर्गापुर (HSL , Durgapur)

यह संयंत्र दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) में दामोदर नदी के किनारे, कोलकाता से लगभग 160 किमी. उत्तर पश्चिम में स्थित है। झरिया कोयला क्षेत्र, दामोदर घाटी निगम तथा कोलकाता नगर एवं पत्तन की निकटता इस संयन्त्र के लिये लाभदायक हैं। इसे लौह अयस्क उड़ीसा के गुआ प्रदेश की बोलानी खदानों से, कोयला झरिया एवं बराकर क्षेत्रों से, चूना पत्थर बीरमित्रपुर तथा हाथीबाड़ी से, मैंगनीज जामदा से, स्वच्छ जल दामोदर नदी से तथा विद्युत दामोदर घाटी निगम के विद्युत गृहों से प्राप्त होती है।

बोकारो स्टील लिमिटेड , बोकारो (BSL , Bokaro)

यह संयंत्र हजारीबाग जिले (झारखण्ड) में बोकारो तथा दामोदर नदियों के संगम के समीप कोयला समृद्ध प्रदेश में अवस्थित है। इसे बोकारो, करगली तथा झरिया कोयला क्षेत्रों से कोयला, लौह अयस्क क्‍्योंझार जिले की किरिबुरू खदानों से चूना पत्थर, पलामू जिले में भवानीपुर तथा डाल्टनगंज से डोलोमाइट, बिलासपुर जिले (छत्तीसगढ़) से स्वच्छ जल, दामोदर नदी पर निर्मित तेनु बाँध तथा सस्ती शक्ति दामोदर घाटी निगम से प्राप्त होती है।

सलेम स्टील प्लांट (SSP , Salem)

यह संयंत्र सलेम (तमिलनाडु) में स्थित है। निकटवर्ती क्षेत्र लोह अयस्क, चूना पत्थर, लौह मिश्र धातुओं से सम्पन्न हें तथा इसे सस्ती शक्ति, चारकोल एवं बाजार की सुविधाएँ भी उपलब्ध है।

विजयनगर स्टील प्लांट (vijainagar steel plant)

यह संयंत्र बेलारी जिले (कर्नाटक) में हास्पेट के निकट तोरनगल स्थान पर अवस्थित है। इसे हास्पेट प्रदेश से लोह अयस्क, कान्हन घाटी (छत्तीसगढ़) तथा सिंगरैनी (आन्श्र प्रदेश) से कोयला, 200 किमी की दूरी पर चूना पत्थर तथा डोलोमाइट तथा स्वच्छ जल एवं सस्ती जलविद्युत शक्ति तुंगभद्रा परियोजना से प्राप्त होती हे।

VSL विशाखापत्तनम ( VSL vishakha-patnam)

यह समुद्रतटीय संयंत्र विशाखापटनम (आन्ध्र प्रदेश) में अवस्थित है। यह दामोदर घाटी के कोयला क्षेत्रों तथा बैलाडीला (छत्तीसगढ़) के लौह अयस्क निक्षेपों से जुड़ा है। इसे चूना पत्थर, डोलोमाइट तथा मैंगनीज छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं उड़ीसा से प्राप्त होते हें। कोयले की लगभग तीन चोथाई आवश्यकता आयातों द्वारा पूर्ण होती है। यहाँ उत्तम किस्म का इस्पात बनता है जो चीन तथा दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों को निर्यात किया जाता है।

यह लेख भारत में लौह इस्पात उद्योग की प्रमुख कम्पनियो के बारे दिया गया जिसका knowladge हर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को होनी चाहिए। धन्यवाद



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