दोस्तों आज भारत के महान्यायवादी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जैसे भारत का महान्यायवादी कौन होता है। कैसे काम करता , भारत में महान्यायवादी पद लिया गया , तह क्या काम करता है ,इसके भारत सरकार में क्या-क्या दायत्व होते है , और सबकुछ तो आइये जानते है
भारत का महान्यायवादी | attorney general of india
भारत का महान्यावादी , भारत सरकार का वकील होता है।जो भारत सरकार में मुख्य क़ानूनी सलाहकार के रूप में कार्य करता है। भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारतीय संविधान के आर्टिकल 76 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है भारत के महान्यायवादी माँ मुख्य कार्य क़ानूनी मामलों में भारत सरकार को सलाह देना और भारत के उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार की ओर से सरकार से सम्बंधित केश की पैरवी करना है। अटॉर्नी जनरल ऑफ़ इंडिया को भारत के किसी भीं न्यायालय में उपस्थित होने और संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार भी प्राप्त है
भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति
भारत के न्यायवादी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है भारतीय संविधान के आर्टिकल 76 में यह प्रावधान है की भारत का एक महान्यायवादी होगा जो भारत सरकार का क़ानूनी सलाहकार और सरकार के वकील के रूप में कार्य करेगा जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। और राष्ट्रपति के राष्ट्रपति इसे कभी भी निष्कासित कर सकते है
भारत के महान्यावादी के वेतन एवं भत्ते
भारत महान्यायवादी के बेतन एवं भत्तों से सम्बंधित भारतीय संविधान में कोई प्रावधान नहीं है। अर्थात इसके वेतन अवं भत्तों का निर्धारण भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
कार्यकाल
राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त
भारत के महान्यायवादी बनने की योग्यताएं
- वही व्यक्ति भारत का न्यायवादी बन सकता है जो भारत के उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश बनने के योग्य हो।
- उसका भारत का नागरिक होना आवश्यक है।
- उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में 5 वर्ष का अनुभव हो या उच्च न्यायालय में में 10 वर्ष का वकालत है अनुभव हो।
भारत के महान्यायवादी के कार्य
- यह उन क़ानूनी मामलो पर भारत सरकार को सलाह देता है जो राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए है या आवंटित किये गए है।
- भारत सरकार से सम्बंधित न्यायालय में भारत सरकार की और से पेश होता है।
- भारतीय संविधान द्वारा सौंपे गए किसी अन्य कृत्यों का भी निर्वहन करता है।
- भारत का महान्यावादी बारात सरकार का प्रतिम विधि अधिकारी होता है। जो सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार से सम्बंधित मामलो को पैरवी करता है
- सरकार को आवश्यकता पड़ने पर उनको कानूनी मामलो में सलाह देता है।
भारत के महान्यावादी के अधिकार
- भारत के महान्यावादी को भारत के सभी राज्य क्षेत्रों में न्यायालय में सुनवाई का अधिकार होता है |
- संसद की दोनों सदन व उनके संयुक्त बैठक की कार्यवाही में शामिल होने का अधिकार प्राप्त होता है, लेकिन मतदान करने का अधिकार प्राप्त नही है।
- संसद समिति मे उसे सदस्य के रूप में बोलने व शामिल होने का अधिकार प्राप्त है |
- उसे वह सभी विशेषाधिकार प्राप्त होते है। जो एक संसद के सदस्य के पास होते है
impotant FAQ
भारत के प्रथम महान्यायवादी कौन है?
एम सी सीतलवाड़
भारत के अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति कौन करता है?
भारत का राष्ट्रपति
भारत के महान्यायवादी को कौन हटा सकता है?
राष्ट्रपति
महान्यायवादी का पद कौन से देश से लिया गया है?
ब्रिटेन
भारत का महान्यायवादी कौन है 2022?
के.के. वेणुगोपाल